SHIV PURAN PDF IN HINDI |शिव पुराण कथा

By SHIVAM KASHYAP

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हेलो दोस्तों,

मेरा नाम श्वेता है और आज मै आप सभी शिव भक्तो के लिए SHIV PURAN वो भी आप सभी के लिए हिंदी में, तो शिव भक्त आप सभी को इस शिव पुराण जरूर पढ़नी चाहिए धन्यवाद……

शिव पुराण, जो कि एक पौराणिक ग्रंथ है, में भगवान शिव के बारे में विस्तृत कथाएं, उपासना, धर्म और आध्यात्मिक बातें संकलित हैं। यह ग्रंथ संस्कृत भाषा में लिखा गया है और इसकी व्याख्या और अनुवाद हिंदी भाषा में भी उपलब्ध हैं। शिव पुराण को आध्यात्मिकता, शक्ति, भक्ति और उन्नति के संकेत के रूप में मान्यता प्राप्त है।

शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव त्रिमूर्ति में से एक हैं, जिन्हें सृष्टि, स्थिति और संहार का कार्य सौंपा गया है। इस पुराण में भगवान शिव के विभिन्न अवतार, महादेवी पार्वती के साथ उनके विवाह, उपासना के विधान, मंत्र, व्रत, पूजा, तीर्थयात्रा, ज्ञान, धर्म और ध्यान के बारे में विस्तृत वर्णन है। यहां शिव पुराण में कई महत्वपूर्ण कथाएं, जैसे कि महाशिवरात्रि, कालहंस वध, राम द्वारा शिव पूजा, चंद्रमौलीश्वर मंदिर, नन्दी और भस्मासुर कथा, कैलाश पर्वत का वर्णन आदि, संग्रहित हैं।

शिव पुराण एक प्रमुख आध्यात्मिक ग्रंथ है जिसमें भगवान शिव के महत्त्व, उपास्यता, ध्यान, साधना, मोक्ष की प्राप्ति और सम्पूर्णता की प्राप्ति के उपायों का वर्णन है। इसका पठन और अध्ययन शिव भक्ति और आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करता है।

शिव पुराण के अध्याय और कथाएं बहुत ही व्यापक हैं और अन्य पौराणिक ग्रंथों की तरह इसके भी अलग-अलग संस्करण और अनुवाद मौजूद हैं। आप शिव पुराण के हिंदी भाषा में उपलब्ध संस्करण या पुस्तकों को खरीदकर या आधिकारिक वेबसाइटों से प्राप्त करके इसे पढ़ सकते हैं। इन पुस्तकों में आमतौर पर शिव पुराण का संक्षेपित परिचय और विस्तृत विवरण होता है जो आपको शिव पुराण की महत्वपूर्ण बातें और कथाएं समझने में मदद करेगा।

SHIV PURAN PDF IN HINDI |शिव पुराण कथा

शिव पुराण कथा: एक संक्षिप्त विवरण

शिव पुराण कथा एक प्रमुख हिंदू साहित्यिक कथा है, जो प्रमुखतः शिवजी के महात्म्य और उनके लीलाओं के बारे में बताती है। यह कथा श्रवणीय और मनोहारी होती है और अपनी गहरी धार्मिक महत्ता के कारण हिंदू धर्म के प्रमुख पुराणों में से एक मानी जाती है। यद्यपि शिव पुराण कथा का एकमात्र संस्कृत में विस्तृत रूप से लिखित संस्करण है, हालांकि, मैं आपके लिए एक हिंदी में इस कथा का संक्षिप्त वर्णन प्रस्तुत कर सकता हूँ।

ध्यान दें: शिव पुराण कथा के विभिन्न संस्करण हैं और इसका विवरण विभिन्न स्रोतों से लिया गया है। इसलिए, यहां प्रस्तुत की गई कथा का वर्णन एक संक्षिप्त संस्करण है और इसका अर्थानुवादित रूप नहीं है।

शिव पुराण कथा

किसी समय बहुत सारे मुनियों ने राजा दक्ष के यज्ञ को नष्ट कर दिया। राजा दक्ष का अभिप्रेत बहुत खींचतान और नाराजगी का कारण रहा। उन्होंने अपनी पुत्री सती को उनकी पत्नी बनाने के लिए इच्छा व्यक्त की, लेकिन सती ने उनसे इसकी मांग की कि वे महादेव (भगवान शिव) की पत्नी बनें। राजा दक्ष के अभिप्रेत को देखकर सती ने अपना शरीर जला दिया।

इसके बाद से भगवान शिव ने अत्यंत दुखी हो गए और उनका विलाप शुरू हो गया। उन्होंने सती के शरीर को ताणा बना दिया और उसे बहुतायत टुकड़ों में विभाजित कर दिया। इन टुकड़ों से स्थानों की उत्पत्ति हुई, जहां बाद में शक्तिपीठ बने।

शिव पुराण में अनेक छंद और कथाएं हैं, जिनमें भगवान शिव के विभिन्न अवतारों, उनकी लीलाओं, तापस्या और शक्तिपीठों की कथाएं सम्मिलित हैं। यह कथा शिव भक्तों और साधकों के बीच प्रसिद्ध है और उन्हें अपने आराध्य देवता के रूप में भगवान शिव के गुणों और महत्त्व के बारे में शिक्षा देती है।

शिव पुराण कथा में भगवान शिव की महिमा, प्रेम, करुणा, विनय, साहस, धैर्य, त्याग, संहार, उत्पत्ति और उनके भक्तों के प्रति प्रेम की कथाएं वर्णित हैं। इसका सुनना और पठना शिव भक्ति और साधना को बढ़ावा देता है और उसे आध्यात्मिकता की ओर आग्रह करता है।

इस प्रकार, शिव पुराण कथा हिंदू धर्म के एक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ की कथा है जो भगवान शिव के गुणों, लीलाओं और महिमा का विवरण करती है। यह कथा भगवान शिव के प्रति भक्ति और आदर को बढ़ाने के साथ-साथ आध्यात्मिक संदेश भी प्रदान करती है।

मुझे खुशी हो रही है कि आप इस कथा के बारे में और जानना चाहते हैं। आपको यहां शिव पुराण कथा का अधिक संक्षेपित रूपांतर प्रस्तुत करता हूं:

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शिव पुराण कथा के आगे की कहानी

शिव पुराण में भगवान शिव के अवतार, उनकी विविध लीलाएं, तापस्या, विजय और उनके भक्तों की कथाएं वर्णित हैं। एक प्रमुख कथा में भगवान शिव के प्रेम और विनय की प्रस्तुति की गई है:

एक बार भगवान शिव ने वन में विराजमान होकर साधना कर रहे थे। उनका मन नीरा नामक नारी में विचरण कर रहा था, जो मन्दार पर्वत की रानी थी। भगवान शिव उनके प्रति अत्यंत प्रेम और आकर्षण महसूस कर रहे थे।

एक दिन, नीरा देवी अपने सौंदर्य और मनमोहक छवि के साथ भगवान शिव के पास पहुंची और उन्हें अपनी पत्नी बनाने की इच्छा व्यक्त की। शिव ने उसे आदर से स्वीकार किया, लेकिन उन्होंने कहा कि वे उसे अपनी पत्नी बनाने से पहले सभी देवताओं की मंगल कार्यों में उपस्थित होने की मांग करेंगे।

नीरा देवी ने अपनी अपेक्षा के अनुसार उन्हें उपस्थित होने के लिए कहा और शिव ने उसे साथ लेकर देवताओं के समूह के पास जाने की योजना बनाई।

देवताओं के सामरिक विभाजन के दौरान, उनके बीच एक विवाद हो गया कि कौन शिव की अग्रणी सेना का मुख्य सिपाही होगा। विवाद को शांत करने के लिए देवताओं ने नीरा देवी को मुख्य न्यायाधीश बनाया और उन्हें तय किया गया कि वे मुख्य सिपाही का चयन करेंगी।

नीरा देवी ने सभी सैनिकों को नियमित दौड़ और विभिन्न परीक्षाओं से गुजारने के बाद एक प्रतिभाशाली सिपाही का चयन किया। शिव और नीरा देवी ने उसे उनकी सेना का मुख्य सिपाही बनाया और उसे उनकी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।

इस प्रकार, शिव पुराण कथा भगवान शिव के प्रेम और विनय की प्रस्तुति करती है, जिसे भक्तों को प्रेरित करते हुए उनकी आदर्श प्रेम के साथ अपने आदर्श पति-पत्नी संबंधों की महत्ता का संदेश देती है।

यहां यह जानकारी अत्यंत संक्षेपित रूपांतरित की गई है। शिव पुराण कथा में इससे भी अधिक रोचक और महत्वपूर्ण कथाएं होती हैं जो भगवान शिव और उनके भक्तों के विभिन्न पहलुओं को छूने का प्रयास करती हैं। आप इन कथाओं को विस्तारपूर्वक पढ़कर और सुनकर अपने आध्यात्मिक जीवन को आनंदित कर सकते हैं।

SHIV PURAN PDF IN HINDI |शिव पुराण कथा

कृपया ध्यान दें कि मेरे पास एक पूर्ण अद्यतित शिव पुराण कथा नहीं है, लेकिन मैं आपको कुछ और महत्वपूर्ण कथाओं के बारे में बता सकता हूँ जो शिव पुराण में विशेष महत्त्व रखती हैं।

  1. महिषासुरमर्दिनी कथा: यह कथा मां दुर्गा की महिषासुर नामक राक्षस के वध की कथा है। भगवान शिव की प्रेरणा से मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया और धरती को उसकी अत्याधिक उत्पाति से मुक्त किया। यह कथा मां शक्ति के महत्व और उसके विजय को दर्शाती है।
  2. समुद्रमंथन कथा: इस कथा में देवताओं और असुरों के बीच शम्भु-विष्णु युद्ध के बाद आयोजित समुद्रमंथन (समुद्र के मध्य से अमृत प्राप्ति) की कथा है। भगवान शिव ने वज्र धारण करके समुद्रमंथन की प्रक्रिया को सम्पूर्ण की और अमृत को प्राप्त किया। यह कथा सहनशीलता, परिवर्तन और उन्नति के महत्व को प्रकट करती है।
  3. मार्कण्डेय कथा: इस कथा में मार्कण्डेय, भगवान शिव और पार्वती के पुत्र की कथा है। मार्कण्डेय ने देवताओं के लिए अमृत प्राप्त करने के लिए अपर्णा शिव की साधना की और उसे सफलतापूर्वक पूरा किया। इस कथा में साधना, अनुशासन, विजय और ब्रह्मचर्य के महत्व को प्रकट किया जाता है।

ये केवल कुछ कथाएं हैं जो शिव पुराण में उपलब्ध हैं। इसके अलावा भी कई और कथाएं हैं जो भगवान शिव और उनके भक्तों के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को वर्णित करती हैं। आप शिव पुराण के अधिक स्रोतों से इसे पढ़कर आपकी जानकारी को विस्तारित कर सकते हैं।

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